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  • Popcorn GST Rates for Spark Confusion and ridicule

    Popcorn GST Rates for Spark Confusion and ridicule

    भारत में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) Popcorn GST 1 जुलाई 2017 को एक ऐतिहासिक कर सुधार के रूप में लागू किया गया था, इसका उद्देश्य देश भर में अनेक अप्रत्यक्ष करों को हटाकर एक समान कर व्यवस्था स्थापित करना था, इसे “एक राष्ट्र, एक कर” का नारा दिया गया, लेकिन, 2024 तक आते-आते, यह कर व्यवस्था अपने लक्ष्य से भटकती दिख रही है, जटिल संरचना और असमान कर दरों के कारण इसे आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.

    Popcorn GST : The Beginning and Objectives

    GST को लागू करने का मुख्य मकसद था:

    • कर व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाना.
    • व्यवसायों के लिए अनुपालन को आसान बनाना.
    • कर चोरी को रोकना.
    • देश भर में समान कर दरें लागू करना.

    इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, GST के अंतर्गत केंद्रीय और राज्य स्तर के अनेक करों को समाहित किया गया. लेकिन व्यवहार में, यह व्यवस्था कई जटिलताओं और विवादों का कारण बन गई है.

    Popcorn GST

    Popcorn GST : The Four Slabs and the Root of Problems

    GST के तहत भारत में चार अलग-अलग कर दरें लागू की गई हैं:

    • 5%: आवश्यक वस्तुएं जैसे अनाज और दवाएं.
    • 12%: सामान्य उपयोग की वस्तुएं.
    • 18%: अधिकांश वस्तुएं और सेवाएं.
    • 28%: विलासिता की वस्तुएं और तंबाकू जैसे उत्पाद.

    इस व्यवस्था का उद्देश्य था वस्तुओं और सेवाओं को उनकी उपयोगिता और उपभोक्ता वर्ग के आधार पर खंडित करना, लेकिन, अलग-अलग स्लैब्स ने कर संरचना को जटिल बना दिया है.

    Popcorn GST: Different Tax Rates on Popcorn – A Controversial Decision

    Popcorn GST: Different Tax Rates on Popcorn – A Controversial Decision

    हाल ही में GST परिषद ने पॉपकॉर्न पर तीन अलग-अलग दरें तय कीं Popcorn GST

    • 5%: अनब्रांडेड और बिना पैकेज वाला पॉपकॉर्न.
    • 12%: पैकेज्ड और ब्रांडेड पॉपकॉर्न.
    • 18%: कारमेल पॉपकॉर्न.

    इस निर्णय ने ग्राहक और व्यवसायियों के बीच भ्रम पैदा कर दिया. सोशल मीडिया पर एक यूजर ने पूछा, “अगर एक पैकेट में कारमेल और हिमालयन सॉल्ट फ्लेवर का मिश्रण हो, तो कौन सी दर लागू होगी?” यह सवाल दिखाता है कि GST की संरचना कितनी जटिल हो चुकी है.

    Popcorn GST : Tax Controversy on Coconut Oil

    नारियल तेल पर कर दरें भी GST की जटिलता का एक उदाहरण हैं.

    • 5% GST: अगर इसे ‘खाद्य तेल’ के रूप में बेचा जाए.
    • 18% GST: अगर इसे ‘बालों के तेल’ के रूप में वर्गीकृत किया जाए.

    कुछ राज्यों में नारियल तेल खाना पकाने और बालों की देखभाल दोनों के लिए उपयोग होता है, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह निर्णय दिया कि अगर नारियल तेल को ‘खाद्य तेल’ के रूप में लेबल किया गया है, तो उस पर केवल 5% कर लागू होगा, भले ही उसका उपयोग कुछ भी हो.

    Popcorn GST : The Roti and Paratha Controversy

    Popcorn GST : The Roti and Paratha Controversy

    GST की जटिल संरचना का एक और उदाहरण है रोटी और पराठा पर अलग-अलग कर दरें।

    • फ्रोजन रोटी: 5% GST.
    • फ्रोजन पराठा: 18% GST.

    यह निर्णय व्यवसायियों के लिए समस्याएं खड़ी करता है क्योंकि दोनों उत्पादों का मुख्य घटक गेहूं है.

    Popcorn GST : The World Bank’s Opinion

    2019 में विश्व बैंक ने भारत की GST व्यवस्था का विरोधकरते हुए कहा:

    “भारत की बहु-दर संरचना और जटिल स्वीकार प्रक्रिया व्यवसायों पर भारी बोझ डालती है, यह अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है.

    विशेष रूप से:

    • बहु-दर संरचना से व्यापार में असमंजस की स्थिति बनती है.
    • रिपोर्टिंग की कड़ी प्रक्रियाएं छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSMEs) के लिए मुश्किल होती हैं.

    GST Collection: Achievements and Challenges

    इन जटिलताओं के बावजूद, GST संग्रह ने रिकॉर्ड तोड़े हैं, 2023-24 के वित्तीय वर्ष में GST संग्रह 20 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जो अवश्य कर संग्रह के इतिहास में एक नया मील का पत्थर है.

    लेकिन:

    • उच्च संग्रह दर का अर्थ यह नहीं कि कर व्यवस्था निर्दोष है.
    • छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स को अभी भी स्वीकार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

    GST: The Need for Simplification

    GST को लागू करते समय इसे “गुड एंड सिंपल टैक्स” का नाम दिया गया था, लेकिन मौजूदा स्थिति में यह न तो पूरी तरह “गुड” है और न ही “सिंपल”.

    GST में सुधार के लिए सुझाव:

    • स्लैब्स की संख्या कम करना: चार स्लैब्स को घटाकर दो या तीन करना.
    • व्यवसायों से संवाद: विशेष रूप से छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSMEs) से.
    • डिजिटल स्वीकार को सरल बनाना: रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं को आसान बनाना.
    • कर दरों का नियमन: समान उत्पादों पर समान कर दर लागू करना.
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    Conclusion:

    GST का मूल उद्देश्य भारत की कर व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाना था, लेकिन, वर्तमान में यह कई जटिलताओं से घिरा हुआ है, इसे प्रभावी बनाने के लिए सरकार और GST परिषद को मिलकर काम करना होगा, एक सरल और न्यायसंगत GST व्यवस्था न केवल व्यवसायों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि यह भारत की आर्थिक प्रगति में भी योगदान देगी.

    अंततः GST को अपने मूल उद्देश्य “एक राष्ट्र, एक कर” की भावना को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है.