TRAI’s New Decision: Voice and SMS-Only Recharge Plans Made Mandatory

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भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव आया है, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सभी कंपनियों को यह आवश्यक किया है कि वे सिर्फ Voice और SMS के लिए खास रिचार्ज प्लान्स उपलब्ध कराएं, यह नियम टेलीकॉम कंज्यूमर प्रोटेक्शन रेगुलेशन 2024 और टेलीकम्युनिकेशन टैरिफ (177th Amendment) ऑर्डर 2024 के तहत लागू किया गया है, नए नियम 23 जनवरी 2024 से प्रभावी होंगे.

TRAI: Why Was This Step Necessary?

देश में लगभग 15 करोड़ लोग अब भी Feature Phones का इस्तेमाल करते हैं, ये यूजर्स इंटरनेट डेटा का उपयोग नहीं करते, लेकिन फिर भी उन्हें Data-inclusive recharge plans लेने के लिए मजबूर किया जा रहा था, इसका नतीजा यह था कि इन यूजर्स को एक ऐसी सेवा के लिए भुगतान करना पड़ता था जिसका वे इस्तेमाल ही नहीं करते.

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TRAI के आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ कि इन 2G यूजर्स के लिए केवल Voice और SMS-focused plans की उपलब्धता आवश्यक है, इंटरनेशनल लेवल पर भी ऐसे प्लान्स कई देशों जैसे बांग्लादेश, पाकिस्तान, और अमेरिका में पहले से उपलब्ध हैं.

TRAI: What Changes Will Be Implemented?

  1. Voice and SMS-Only Plans:

टेलीकॉम कंपनियों को अब ऐसे रिचार्ज प्लान्स पेश करने होंगे जो सिर्फ कॉलिंग और SMS की सुविधा उपलब्ध करें, इनकी वैधता अधिकतम 365 दिनों तक हो सकती है, पहले ऐसे प्लान्स की अधिकतम वैधता 90 दिनों तक सीमित थी. 

  • Flexible Prices:

कंपनियां अब कस्टमाइज्ड प्लान्स पेश कर सकेंगी, उदाहरण के लिए ₹44, ₹46 या ₹6 के ऑप्शन उपलब्ध होंगे.

  • 2G और Feature Phone Users को राहत:

जो लोग केवल Basic Phones का उपयोग करते हैं, उन्हें अब अनावश्यक Data Packs के लिए भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी. 

TRAI: Telecom Companies’ Response

TRAI के इस फैसले से कई टेलीकॉम कंपनियां नाराज हैं, उनका कहना है कि डेटा अब Modern Communication का एक पुरा हिस्सा बन चुका है, केवल Voice/SMS प्लान्स उपलब्ध कराने से उनके Average Revenue Per User (ARPU) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

TRAI: Telecom Companies’ Response

भारत में ARPU पहले ही अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है, अफ्रीका जैसे देशों में ARPU भारत से कई गुना अधिक है, कंपनियां, खासकर Jio और Airtel, का मानना है कि डेटा-पैक आधारित मॉडल ने उनके कमाई को स्थिरता उपलब्धकी है.

हालांकि, BSNL, एकमात्र सरकारी टेलीकॉम कंपनी, ने इस कदम का समर्थन किया है, BSNL का कहना है कि वॉइस और SMS की सुविधा वाले सस्ते प्लान्स से उन ग्राहकों को राहत मिलेगी जिन्हें डेटा की जरूरत नहीं है.

TRAI: Who Will Benefit the Most?

1. बुजुर्ग (Elderly Users):जो लोग केवल कॉल और SMS का उपयोग करते हैं, उनके लिए यह एक बड़ी राहत होगी.

2. ग्रामीण क्षेत्र (Rural Users): ग्रामीण भारत के वे लोग, जो अब भी फीचर फोन का उपयोग करते हैं, इन किफायती प्लान्स से सफल होंगे. 

3. ड्यूल-सिम यूजर्स (Dual-SIM Users): ड्यूल-सिम का इस्तेमाल करने वाले लोग अपने सेकेंडरी सिम पर सिर्फ वॉइस/SMS प्लान लेकर पैसे बचा सकेंगे.

TRAI: Challenges Faced by Telecom Companie

टेलीकॉम कंपनियों को अब अपनी Revenue Strategy में बदलाव करना होगा, TRAI के इस फैसले से उन्हें संभावित रूप से Revenue Loss का सामना करना पड़ सकता है.

TRAI: Challenges Faced by Telecom Companie

Example

1. पहले, जो ग्राहक डेटा पैक के साथ रिचार्ज करते थे, अब वे केवल वॉइस/SMS प्लान्स चुन सकते हैं.

2. इससे कंपनियों का ARPU और कुल कमाई प्रभावित हो सकता है.

इस बदलाव का महत्व:

TRAI का यह फैसला उन लाखों भारतीयों के लिए राहत लेकर आया है जो बिना उपयोग के डेटा के लिए भुगतान कर रहे थे, यह कदम डिजिटल इंडिया के प्रयासों के बावजूद गैर-डिजिटल यूजर्स को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

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Conclusion

TRAI का यह नया नियम कस्टमर सेंट्रिक है, जो जरूरतमंद यूजर्स को अनावश्यक खर्चों से बचाएगा, हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों को अपने Revenue Models को फिर से डिजाइन करना होगा ताकि वे इन परिवर्तनों के साथ तालमेल बिठा सकें.

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह फैसला भारत के डिजिटल और टेलीकॉम इकोसिस्टम को कैसे प्रभावित करता है.

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